BASEL, 25 AUGUST 2019 : 2017 साल में पीवी सिंधु को नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ 110 मिनट के ऐतिहासिक फाइनल खेल में हारकर सिल्वर मैडल से संतुष्ट होना पड़ा था। हैदराबादी शटलर पिछले साल कैरोलिन मारिन के खिलाफ दूसरे स्थान पर थी, भले ही उसका प्रतिद्वंदी बदल गया।

तीन बार में, सिंधु ने आखिरकार अपनी किस्मत बदल दी। उन्होंने चोकर्स टकामा को हराकर ओकुहारा को हराने वाले पहले भारतीय के रूप में विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीती। बसील फाइनल में, वह 21-6, 21-6 के स्कोर से ओकुहारा को शिकस्ता दिया। उस दिन दुनिया के 4 नंबर शटलर ओकुहारा को विश्व के 5 नंबर रैंक वाली सिंधु ने हरा दिया।

हैदराबाद की हरफनमौला और देश की चाहती ने फाइनल का पहला गेम केवल १६ मिनट में जीता। दूसरे गेम में भी यही नतीजा रहा। इस लंबी रैली को खेलते हुए ओकुहारा थक गई। वहीं, सिंधु का कोर्ट कवरेज भी देखने लायक था। और अपने शिक्षक पुलेला गोपीचंद के बनाये रणनीति पर खेल के समापन और साथ जित की हसी हसने लगी सिंधु।